कश्मीर में "धारा 370" Article 35A की पूरी जानकारी - यहाँ से पढ़े

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जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है ।
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जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है
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जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है

जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5
वर्ष का होता है ।
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जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है ।
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भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू - कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं
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भारत की संसद को जम्मू - कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित
क्षेत्र में कानून बना सकती है ।
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जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के
व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी ।
इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के
किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू - कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी ।
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और
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धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागु नहीं है ।
RTE लागू नहीं है ।
CAG लागू नहीं होता ।
भारत का कोई भी कानून लागु नहीं होता ।
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कश्मीर में महिलाओ पर शरियत कानून लागु है ।
कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं ।
कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है.

कश्मीर में अल्पसंख्यको [ हिन्दू- सिख ] को 16 % आरक्षण नहीं मिलता ।
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धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है ।
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धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय
नागरीकता मिल जाता है ।

इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से
शादी करनी होती है ।
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अगर ये हट गई तो कश्मीर के लोग भी अपनी तरह जीयेंगे।

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